pump
34. What Is Pump, Difference Between Reciprocating Pump And Centrifugal Pump In Hindi
Introduction: pump एक mechanical जुगाड़ या device है जो की electric motor या I.C के द्वारा चलाया जाता है. फिर उस मशीन के द्वारा liqwid या water नीचें से उपर के लेवल तक उठाया जाता है. अत: हम कह सकते है की pump एक mechanical devices है जो mechanical energy को pressure energy में बदलता है.
Types Of Pump
Engineering line में कई प्रकार के pump प्रयोग किए जाते है. इनमे से कुछ पंप का निम्न प्रयोग है.1. Reciprocating Pump
2. Centrifugal Pump
1. Reciprocating Pump
Reciprocating pump एक mechanical devices है जो liqwid या water नीचें से उपर के लेवल तक उठाया जाता है. इसमें plunger को reciprocating motion में चलाकर piston के दबाव से पानी delivery pipe से बाहर निकाला जात है. यह pump आमतौर पर स्वच्छ पानी के लिए use किया जाता है.Working Of Reciprocating Pump
इस pump में plunger और एक piston होता है. plunger piston और connecting rod को जोड़ते है. connecting rod crank के साथ crank pin के साथ जोड़ा जाता है. crank, crank shaft के साथ जुड़ी होती है. pump को चलाने के लिए belt drive का use किया जाता है. जब crank shaft घुमती है तो उसकी rotary motion से connecting rod reciprocating motion में चलती है. connecting rod की आगे-पीछें की गति में plunger और piston भी reciprocating motion में चलते है. जब piston inner lead center से outer lead center तक आता है. तो pump head में vacuum पैदा होती है. उस समय जो हवा section pipe के auto mosphere pressure में है. तो वह pump और cylinder की तरफ आएगी व पानी में section pipe द्वारा उपर आएगा, पानी के उपर उठने से section valve उपर उठ जाता है. और पानी cylinder में भर जाता है. जब piston O.D.C से I.D.C की तरफ return stroke में आता है. तो वह cylinder से पानी को press करता है. पानी के दबाव से sction valve बंद हो जाता है और delivery valve खुल जाता है. delivery valve खुलने से पानी delivery pipe से बाहर निकल जाता है. यह क्रिया बार-बार इसी प्रकार चलती रहती है. इस प्रकार के pump को reciprocating pump कहते है.2. Centrifugal Pump
यह पंप centrifugal force के सिधांत पर कार्य करता है. इस pump में एक impaler और rotor लगा होता है.. जो electric motor से चलता है. जब motor से impaler से चलता है उस समय section pipe से पानी उपर की तरफ उठता है. पानी के उपर उठने से foot valve खुल जाता है और पानी section pipe के द्वारा casing में आ जाता है. जहां पर impaler घूम रहा होता है. वहां impaler पानी को centrifugal force से बाहर की तरफ धकेलता है और पानी के उपर आने से delivery valve खुल जाता है. valve के खुलने से पानी उपर की तरफ चढ़ता है और delivery pipe से पानी बाहर निकलता है. यह प्रक्रिया बार-बार चलती है. Centrifugal pump R.P.M और impaler के diameter से पहचाना जाता है.Construction Of Centrifugal Pump
Construction के हिसाब से इस पंप के निम्न parts होते है. तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से.1. Impaler And Rotor
यह एक pulley और rotor element है जो electric motor या I.C इजन से चलाया जाता है. इसकी परिधि के चारों और पंखुड़ीया लगी होती है. इसे अक्सर impaler कहते है.2. Casing
Impaler के चारों और लगे parts के बीच में पानी के बहाव के लिए जो रास्ता बनता है उसे casing कहते है. इसमें impaler shaft के लिए hole बना होता है. इसके उपर delivery pipe तथा इसके नीचें section pipe लगा होता है.3. Section Pipe
यह वह pipe है जो पानी को नीचे ऊपर उठाता है.4. Strainer
Strainer impeller को हानि पहुचाने से रोकता है. Strainer ठोस वस्तु या कचरा आदि जाने से रोकता है. Strainer हमेशा section pipe के नीचे लगा होता है.5. Foot Valve
Section pipe में Strainer के उपर foot valve लगा होता है. जब पानी pump से उपर उठाया जाता है. तो foot valve खुल जाता है. जब पंप चलना बंद हो जाए तो section pipe में पानी भर जाता है. उस समय foot valve बंद हो जाता है.6. Delivery Pipe
यह वह पाइप होती है जो casing से पानी बाहर भेजती है.7. Delivery Valve
Pump body के outside के पास ही एक valve लगा होता है. जो पानी के दबाव से valve खुल जाता है. उसे हम delivery valve कहते है.8. Prime Mover
IC engine या electric motor impeller के चलाने के काम आती है. उसे prime mover कहते है.9. What Is Priming
कई बार जब foot valve और section pipe में leakage होने की वजह से pipe में पानी नही रहता है. तो section pipe से पानी पहुचाने के लिए pump की delivery pipe से पानी दाल दिया जाता है. Section pipe पूरा भर जाता है और pump चालु हो जाता है. Section pipe में पानी भरने की इस बार-बार की क्रिया को priming कहते है.Difference Between Reciprocating Pump And Centrifugal Pump
Reciprocating Pump
1. इस पंप में ज्यादा parts होते है.
2. इसकी maintenance cost ज्यादा है.
3. इसकी रचना कठीन होती है.
4. यह pump गन्दा पानी नही उठा सकता है.
5. यह पंप high speed पर नहीं चल सकता है.
6. इस पंप में priming की जरूरत नही होती है.
7. इस pump में impeller का प्रयोग किया जाता है.
Centrifugal Pump
1. इस पंप में कम parts होते है.
2. इसकी maintenance cost कम है.
3. इसकी रचना आसान होती है.
4. यह pump गन्दा व साफ दोनों पानी उठा सकता है.
5. यह पंप high speed पर चल सकता है.
6. इस पंप में priming की जरूरत पड़ती है.
7. इस pump में भी impeller का प्रयोग किया जाता है.
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