28.1 What Is Bearing, Types Of Mechnical Bearing in hindi | बेयरिंग क्या होता है और मैकेनिकल बेरिंग कितने प्रकार के होते है ?

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INTRODUCTION: Work shop के अंदर power transmission करने हेतु लम्बी shaft का उपयोग किया जाता है. लम्बी shaft को सहारा देने के लिए व  power transmission करने हेतु bearing का use किया जाता है. Bearing shaft को face व smooth तथा दिशा देने के लिए प्रयोग किया जाता है.

What Is Bearing - बेयरिंग क्या होता है ?

लम्बी shaft या machine के घूमते हुए पुर्जो को सही स्थिति में रखने व सहारा देने वाले उपकरणों को bearing कहते है. मशीन का जो भाग घुमते हुए पुर्जो को आधार प्रदान करता है, तथा मशीनों को घुमाने में सहायक होता है उसे bearing कहते है.

Bearing Metal के आधार पर कई प्रकार के होते है
(I) कम गति व अधुक भार के लिए कास्ट आयरन के अधिक गति व अधिक भार के लिए ब्रोज के
(II) सैल बेरिंग - व्हाईट मैटल या बैविट मैटल के
(iii) इसके अतिरिकत कैडमियम स्टील, क्रोम स्टील, कॉपर, एल्युमिनियम तथा सिल्वर व एलॉय स्टील के बेरिंग बनाए जाते है.

Types Of Bearing

Bearing shape और load के अनुसार कई प्रकार के होते है.

1. Journal Bearing
2. Foot Step Or Pivot Bearing
3. Thrust Bearing

1. Journal Bearing

इस प्रकार के bearing को radial bearing कहते है. इस बेरिंग में सहारा देने व दबाव axis के perpendicular होता है यानी की axis के लम्बत होता है. Bearing में जो hole होता है. उसे jurnal bearing कहते है. Journal bearing का प्रयोग घुमती हुई shaft को सहारा देने के लिए किया जाता है.

2. Foot Step Or Pivot Bearing

Foot step or pivot bearing का प्रयोग घुमती हुई shaft को खड़ी अवस्था में सहारा देने के लिए प्रयोग किया जाता है. जब बेरिंग pressure shaft के अक्ष के समान्तर होता है और shaft का एक किनारा बेरिंग के अंदर रुका होता है.

3. Thrust Bearing

जब load एक ही दिशा यानी की axis के parallel पड़ता है तो वहां पर thrust or coller bearing का प्रयोग किया जाता है.

Types Of Bearing According To Friction - घर्षण के आधार पर बेरिंग कितने कितने प्रकार के होते है ?


What Is Friction Bearing - घर्षण बेरिंग किसे कहते है ?

जिस bearing में friction यानी की घर्षण पैदा होता है उसे friction bearing कहते है. इस बेरिंग में पूरी surface shaft के सम्पर्क में रहती है. इस bearing में surface contact होता है. जिसके कारण घर्षण ज्यादा होता है. इसी घर्षण को कम करने के लिए लुब्रीकेंट्स का होना अति जरुरी है. इस बेरिंग में lubrication करने के लिए ऐसे साधनों का प्रयोग किया जाता है. जिससे bearing को समय-समय पर तेल मिलता रहे. इस bearing का प्रयोग slow यानी की धीरे चलने वाली shaft में किया जाता है. यह bearing cast iron, white metal, ढलवां लोहा, पीतल व ब्रोज के बनाए जाते है.

Types Of Friction Bearing

1. Solid Bearing Or Journal Bearing
2. Bush Bearing
3. Pedestal Bearing Or Plummer Bearing
4. Open Bearing
5. Swivel Bearing
6. Foot Step Bearing
7. marine Engine Shaft Bearing

1. Solid Bearing Or Journal Bearing

Solid bearing cylindrical shape में cast iron व bronze के बने होते है. इस बेरिंग में lubrication करने के लिए इसमें एक hole बना होता है. इस bearing का प्रयोग हल्की व छोटी shaft पर किया जाता है. तथा इस bearing का use धीरे चलने वाली shaft पर भी किया जा सकता है. इस बेरिंग का पुरा ground base के साथ contact होता है.

2. Bush Bearing

यह भी journal bearing की आम types है. यह बेरिग भी solid bearing की तरह होता है. लेकिन इस bearing में house बना होता है. Bush की surface cylindrical होती है, और bush में shaft fit की जाती है. shaft bush की rotation को रोकने के लिए प्रयोग की जाती है. इस bearing के उपरी घर के भाग में घर्षण को कम करने के लिए counter sunk holl होता है. जिसके द्वारा shaft में तेल डालकर lubrication करते है. यह bearing gunmetal cast iron के गोल आकृति के बने होते है. इस बेरिग का प्रयोग हल्की चलने वाली shaft में किया जाता है. Bearing body को घिसने से बचाने के लिए solid bearing में bush डाला जाता है.

3. Pedestal Bearing Or Plummer Bearing

यह bearing भी journal bearing की एक आम types है. इस बेरिग का प्रयोग वहा पर किया जाता है जहां पर shaft की गति तेज हो. इस bearing की body semi circle की तरह होती है. Body की bush plate में दो hole होते है. जिसके अंदर bolt को डालकर foundation की जाती है. Bearing bady में brass को डालकर उपर से cup रखकर body और cup को square headed bolt द्वारा जोड़ा जाता है. Bearing की bash plate में square rashes बनी होती है जिसमे square headed bolt का square head fit किया जाता है. Bearing में brass को घुमने से रोकने के लिए snug का उपयोग किया जाता है. sung के लिए body में भी sunk की लम्बाई के आधे के बराबर holl होता है. इस प्रकार sunk की लम्बाई का 1/2 भाग body तथा brass में fit किया जाता है. Sunk हमेशा brass के perpendicular fit की जाती है. Brass के दो pices को जोड़कर body में fit करने के बाद उपर cover plate लगा दी जाती है.

4. Open Bearing

Open bearing उपर से खुला होता है. इस bearing में 1/2 bush का प्रयोग किया जाता है. Bush को shaft के नीचें dark रखा जाता है. इस bearing की side थोड़ी ऊँची होती है. क्योकि जब shaft तेज गति पर होती है तो shaft bearing की body से बाहर न निकले. यह bearing zig-zag shaft के लिए use की जाती है. जैसे crank shaft

5. Swivel Bearing

Swivel bearing shaft adjuting bearing है. इस bearing को shaft की position के हिसाब से कही भी fit कर सकते है. इस bearing में fork, threaded spindle fork को threaded spindle को किसी भी position में set करके lock nut के द्वारा lock कर सकते है. और fork के उपरी भाग को tight करते है. यह bearing horizontal shaft के लिए प्रयोग किया जाता है.

6. Foot Step Bearing

Engineering line में foot step और pivot bearing vertical shaft के lower end को सहारा देने के लिए प्रयोग किए जाते है. इस बेरिंग में cast iron की बनी हुई bash plate के साथ एक circular block होता है. circular block में ही gun metal के बने हुए bush और disk या pad fit की जाती है. bush के top किनारे पर shaft के अनुसार थोड़ा-सा chamfer किया जाता है. जिससे shaft को डालने व निकालने में आसानी होती है. Pad के उपर ही vertical shaft का lower edge rest करता है. क्योकि shaft का नीचें का किनारा अगर pad या किनारे रखेगे तो जब शाफ़्ट घुमेगी तो बेरिंग की surface ओ खराब करेगी. Bearing की surface खराब होने से बचाने के लिए shaft के किनारे के नीचें pad प्रयोग किया जाता है. Pad घिसने के बाद उसको आसानी से बदल सकते है और इसके लिए पुरी body को नही बदलना पड़ता है. तथा bush को घिसने से रोकने के लिए snunk का use किया जाता है. snunk half body में और half pad और bush में फिट की जाती है. यह bearing split types होता है.

7. marine Engine Shaft Bearing

इस bearing का प्रयोग marine engine की shaft को सहारा देने के लिए किया जाता है. इस बेरिंग का कार्य भी padestal bearing की तरह ही होता है. इस बेरिंग में top bottom को brass के नीचें डालकर nut and bolt के द्वारा body व cap को tight किया जाता है.

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